वर्गीकरण:
+ -
عَنْ عَبْدِ اللَّهِ بنِ مَسْعُودٍ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُ قَالَ: قَالَ النَّبِيُّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:

«لَيْسَ مِنَّا مَنْ لَطَمَ الخُدُودَ، وَشَقَّ الجُيُوبَ، وَدَعَا بِدَعْوَى الجَاهِلِيَّةِ».
[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 1294]
المزيــد ...

अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"वह व्यक्ति हममें से नहीं, जो गालों पर थप्पड़ मारे, गिरेबान फाड़े और जाहिलियत का कोई बोल बोले।"

[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 1294]

व्याख्या

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अज्ञानता काल के लोगों द्वारा किए जाने वाले कुछ कार्यों से मना और सावधान किया है। आपने फ़रमाया कि निम्नलिखित काम करने वाले लोग हम में से नहीं हैं :
1- गाल पीटने वाला। वैसे तो चेहरे के अन्य भागों को पीटना भी मनाही के दायरे में आता है, लेकिन चेहरे का ज़िक्र ख़ास तौर से इसलिए किया गया है कि आम तौर से गाल ही पीटा जाता है।
2- अधीर होकर गरेबान फाड़ने वाला।

हदीस का संदेश

  1. इस हदीस में दी गई धमकी यह बताती है कि ये कार्य कबीरा गुनाहों के दायरे में आते हैं।
  2. मुसीबत पर सब्र करना ज़रूरी और अल्लाह के कष्टदायक निर्णयों पर नाराज़गी दिखाना और इसका इज़हार रोने-धोने, मातम, बाल मुंडवाने और गरेबारन फ़ाड़ने आदि द्वारा करना हराम है।
  3. एक मुसलमान पर वाजिब है कि अल्लाह के फ़ैसले से ख़ुश रहे। अगर खुश नहीं रह पाता है, तो सब्र वाजिब है।
अनुवाद: अंग्रेज़ी उर्दू स्पेनिश इंडोनेशियाई उइग़ुर बंगला फ्रेंच तुर्की रूसी बोस्नियाई सिंहली चीनी फ़ारसी वियतनामी तगालोग कुर्दिश होसा पुर्तगाली मलयालम तिलगू सवाहिली थाई जर्मन पशतो असमिया السويدية الأمهرية الهولندية الغوجاراتية Kirgisisch النيبالية الرومانية المجرية الموري Oromo الجورجية
अनुवादों को प्रदर्शित करें
श्रेणियाँ
अधिक