عن حذيفة رضي الله عنه عن النبي صلى الله عليه وسلم قال: «لا يدخل الجنة قَتَّات».
[صحيح] - [متفق عليه]
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हुज़ैफ़ा (रज़ियल्लाहु अंहु) का वर्णन है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "जन्नत में वह व्यक्ति प्रवेश नहीं करेगा, जो लगाई-बुझाई करता हो।"
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

इस हदीस में अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने चुग़लख़ोरी (लगाई-बुझाई) करने वाले यानी बिगाड़ पैदा करने के उद्देश्य से एक व्यक्ति की बात दूसरे व्यक्ति को पहुँचाने वाले को बहुत बड़ी धमकी दी है। आपने कहा है कि ऐसा व्यक्ति जन्नत में प्रवेश नहीं करेगा। ज्ञात हो कि यहाँ प्रवेश न करने से मुराद आरंभ में प्रवेश न करना है। वह अपने गुनाह के अनुसार यातना का सामना करने के बाद प्रवेश करेगा। इस हदीस में प्रयुक्त शब्द "القتات" का अर्थ है लगाई-बुझाई करने वाला। इस हदीस से पता चलता है कि यह काम बड़े गुनाहों में शामिल है।

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हदीस का संदेश

  1. चुग़लख़ोरी (लगाई-बुझाई) करना बड़ा गुनाह है, क्योंकि इसका प्रभाव बहुत बुरा पड़ता है और इसका अंजाम बड़ा दुखदायी है।
  2. इस्लामी शरीयत के अंदर वह सारी बातें पाई जाती हैं, जो मुस्लिम समाज में पारस्परिक प्रेम को बढ़ावा देती हैं।
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