+ -

عَنْ عَلِيٍّ رضي الله عنه قَالَ:
كُنْتُ رَجُلًا مَذَّاءً وَكُنْتُ أَسْتَحْيِي أَنْ أَسْأَلَ النَّبِيَّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ لِمَكَانِ ابْنَتِهِ فَأَمَرْتُ الْمِقْدَادَ بْنَ الْأَسْوَدِ فَسَأَلَهُ فَقَالَ: «يَغْسِلُ ذَكَرَهُ وَيَتَوَضَّأُ». وَلِلبُخَاريِّ: فَقَالَ: «تَوَضَّأْ وَاغْسِلْ ذَكَرَكَ».

[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح مسلم: 303]
المزيــد ...

अली रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत है, वह कहते हैं :
मैं एक ऐसा व्यक्ति था, जिसे बहुत ज़्यादा मज़ी (चिपचिपा सफ़ेद तरल जो पेशाब के रास्ते से) आती थी। अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के दामाद होने के नाते मुझे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी कि मैं आपसे इस बारे में पूछूँ। अतः मैंने मिक़दाद बिन असवद को पूछने का आदेश दिया (और उन्हों ने पूछा) तो आपने कहा : "ऐसा व्यक्ति अपना लिंग धोने के बाद वजू करेगा।" बुखारी में है : "वज़ू करो और अपना लिंग धोओ।"

[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح مسلم - 303]

व्याख्या

अली बिन अबू तालिब रज़ियल्लाहु अनहु कहते हैं कि उनको अकसर मज़ी निकल जाया करती थी। दरअसल मज़ी एक प्रकार का पतला, चिपचिपा, सफ़ेद पानी है, जो वासना के समय या संभोग से पहले लिंग से निकलता है। और उनको पता भी नहीं था कि मज़ी निकलने के बाद क्या करना चाहिए। परंतु अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से पूछने में लज्जा बाधा बन रही थी, क्योंकि आपकी बेटी फ़ातिमा रज़ियल्लाहु अनहा उनके निकाह में थीं। अतः मिक़दाद रज़ियल्लाहु अनहु से कहा कि वह अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से इसके बारे में पूछें। तब अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा कि वह पहले अपना लिंग धो लें और उसके बाद वज़ू कर लें।

अनुवाद: अंग्रेज़ी उर्दू स्पेनिश इंडोनेशियाई उइग़ुर बंगला फ्रेंच तुर्की रूसी बोस्नियाई सिंहली चीनी फ़ारसी वियतनामी तगालोग कुर्दिश होसा पुर्तगाली मलयालम तिलगू सवाहिली थाई जर्मन पशतो असमिया अल्बानियाई السويدية الأمهرية الهولندية الغوجاراتية Kirgisisch النيبالية Yoruba الليتوانية الدرية الصربية الصومالية Kinyarwanda الرومانية التشيكية الموري Malagasy Oromo Kanadische Übersetzung الولوف Aserbaidschanisch الأوكرانية الجورجية
अनुवादों को प्रदर्शित करें

हदीस का संदेश

  1. अली बिन अबू तालिब रज़ियल्लाहु अनहु की फ़ज़ीलत कि लज्जा उनके लिए किसी माध्यम द्वारा पूछने में बाधा नहीं बनी।
  2. फ़तवा पूछने के लिए किसी को अपना प्रतिनिधि बनाना जायज़ है।
  3. किसी मसलहत की बिना पर इन्सान वह बातें बता सकता है, जिनको बताने से लज्जा बाधा बनती है।
  4. मज़ी नापाक है और उसे शरीर एवं कपड़े से धोना वाजिब है।
  5. मज़ी निकलने से वज़ू टूट जाता है।
  6. लिंग के साथ अंडकोश को धोना भी ज़रूरी है, क्योंकि इसका उल्लेख एक अन्य हदीस में हुआ है।
अधिक