عن أنس بن مالك رضي الله عنه قال: ((كان رسول الله صلى الله عليه وسلم يدخل الخلاء، فأحمل أنا وغلام نَحوِي إِدَاوَةً مِن ماء وَعَنَزَة؛ فيستنجي بالماء)).
[صحيح] - [متفق عليه]
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अनस बिन मालिक (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैंः अल्लाह के रसूल (सल्ल्ललाहु अलैहि व सल्लम) शौच के लिए जाते, तो मैं और मेरे जैसा एक और लड़का पानी का बरतन और एक छोटी-सी बरछी लेकर साथ हो जाते। चुनांचे आप उस पानी से इस्तिंजा (पवित्रता प्राप्त) करते।
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के सेवक अनस बिन मालिक (रज़ियल्लाहु अंहु) बयान करते हैं कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जब शौच के स्थान पर जाते, तो वह और उनके साथ एक और लड़का आपके लिए चमड़े के बरतन में इस्तिंजा का पानी लेकर जाते, इसी तरह एक छोटी-सी बरछी भी लेकर जाते, जिसे ज़मीन पर गाड़ देते और उसपर चादर या इस तरह की कोई ओर चीज़ डाल देते, जो गुज़रने वालों की नज़र से बचाने का काम करती। साथ ही यदि नमाज़ पढ़ने का इरादा होता, तो वह सुतरा का भी काम देती।

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