عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ رضي الله عنه:
أَنَّ رَسُولَ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَرَأَ فِي رَكْعَتَيِ الْفَجْرِ: {قُلْ يَا أَيُّهَا الْكَافِرُونَ}، وَ{قُلْ هُوَ اللهُ أَحَدٌ}.
[صحيح] - [رواه مسلم] - [صحيح مسلم: 726]
المزيــد ...
अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़ज्र की दो रकातों में {قُلْ يَا أَيُّهَا الْكَافِرُونَ} और {قُلْ هُوَ اللهُ أَحَدٌ} पढ़ी।
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح مسلم - 726]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम फ़ज्र से पहले की दो रकात सुन्नत की पहली रकात में सूरा फ़ातिहा के बाद {قل يا أيها الكافرون} यानी सूरा काफ़िरून तथा दूसरी रकात में {قل هو الله أحد} यानी सूरा अहद पढ़ना पसंद करते थे।