عَنْ أَنَسِ بْنِ مَالِكٍ رضي الله عنه قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:
«الدُّعَاءُ لاَ يُرَدُّ بَيْنَ الأَذَانِ وَالإِقَامَةِ».
[صحيح] - [رواه أبو داود والترمذي والنسائي] - [سنن الترمذي: 212]
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अनस बिन मालिक रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"अज़ान तथा इक़ामत के बीच की जाने वाली दुआ रद्द नहीं होती।"
[सह़ीह़] - - [سنن الترمذي - 212]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अज़ान और इक़ामत के बीच की जाने वाली दुआ की फ़ज़ीलत बयान की है और बताया है कि इस समय की जाने वाली दुआ इस लायक़ है कि क़बूल हो जाए। अतः इस समय अल्लाह से दुआ किया करो।