عَنِ ابْنِ عُمَرَ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُمَا أَنَّ رَسُولَ اللَّهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ:
«لاَ يَنْظُرُ اللَّهُ إِلَى مَنْ جَرَّ ثَوْبَهُ خُيَلاَءَ».
[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 5783]
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अब्दुल्लाह बिन उमर -रज़ियल्लाहु अनहुमा- का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया है :
"अल्लाह उस व्यक्ति की ओर नहीं देखेगा, जो अभिमान के कारण अपना कपड़ा लटकाकर चलता हो।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 5783]
अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने अभिमान के तौर पर कपड़े या लुंगी को टखनों के नीचे लटकाए रखने से सावधान किया है और बताया है कि ऐसा करने वाला भयानक चेतावनी का हक़दार है कि अल्लाह क़यामत के दिन उसपर दया की नज़र नहीं डालेगा।