عَنْ أَبِي سَعِيدٍ الْخُدْرِيِّ رَضِيَ اللهُ عَنْهُ قَالَ: سَمِعْتُ رَسُولَ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ يَقُولُ:
«مَنْ صَامَ يَوْمًا فِي سَبِيلِ اللهِ بَاعَدَ اللهُ وَجْهَهُ عَنِ النَّارِ سَبْعِينَ خَرِيفًا».
[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح مسلم: 1153]
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अबू सईद ख़ुदरी -रज़ियल्लाहु अनहु- का वर्णन है, वह कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को कहते हुए सुना है :
"जो अल्लाह के पथ में एक दिन रोज़ा रखेगा, उसके चेहरे को अल्लाह (जहन्नम की) आग से सत्तर साल दूर कर देगा।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح مسلم - 1153]
अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने बताया है कि जो व्यक्ति जिहाद के दौरान या फिर कुछ लोगों के अनुसार दूसरे दिनों में भी केवल अल्लाह की प्रसन्नता एवं प्रतिफल की प्राप्ति के लिए एक दिन का रोज़ा रखेगा, अल्लाह अपने अनुग्रह से उसके और जहन्नम के बीच सत्तर साल की दूरी पैदा फ़रमा देगा।