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عن الزبير بن العَوَّام رضي الله عنه مرفوعاً: «لأَن يأخذ أحدكم أُحبُلَهُ ثم يأتي الجبل، فيأتي بِحُزْمَة من حطب على ظهره فيبيعها، فَيَكُفَّ الله بها وجهه، خيرٌ له من أن يسأل الناس، أعْطَوه أو مَنَعُوه».
[صحيح] - [رواه البخاري]
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ज़ुबैर बिन अव्वाम- रज़ियल्लाहु अन्हु- का वर्णन है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः तुममें से कोई अपनी रस्सियाँ लेकर पर्वत की ओर जाए और अपनी पीठ पर लकड़ियों का गट्ठर लादकर ले आए तथा उसे बेचे और इस तरह अल्लाह उसके चेहरे को (माँगने के अपमान से) बचा ले तो यह उसके लिए इस बात से बेहतर है कि लोगों से माँगे और लोग उसे दें या देने से मना कर दें।
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।]

व्याख्या

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