عن أبي هريرة -رضي الله عنه- مرفوعًا: «إِنَّ الله -تَعَالى- يَغَارُ، وغَيرَةُ الله -تَعَالَى-، أَنْ يَأْتِيَ المَرء ما حرَّم الله عليه».
[صحيح.] - [متفق عليه.]
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अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "अल्लाह (तआला) को ग़ैरत आती है, और अल्लाह को ग़ैरत इस बात पर आती है कि आदमी वह कार्य करे, जिसे अल्लाह ने ह़राम (वर्जित) किया है।"
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।