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عَنْ ‌عَبْدِ اللهِ بْنِ زَيْدٍ رضي الله عنه:
أَنَّ النَّبِيَّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ تَوَضَّأَ مَرَّتَيْنِ مَرَّتَيْنِ.

[صحيح] - [رواه البخاري] - [صحيح البخاري: 158]
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अब्दुल्लाह बिन ज़ैद रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने वज़ू के अंगों को दो-दो बार धोया।

[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 158]

व्याख्या

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम वज़ू करते समय कभी-कभी वज़ू के अंगों को दो-दो बार धोया करते थे। चुनांचे अपने चेहरे को दो बार धोते, जिसमें कुल्ली करना और नाक में पानी डालकर नाक झाड़ना भी शामिल है) तथा अपने हाथों और पैरों को भी दो-दो बार धोते थे।

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हदीस का संदेश

  1. वज़ू के अंगों को एक-एक बार ही धोना वाजिब है। एक से अधिक बार धोना मुसतहब है।
  2. वज़ू के अंगों को कभी-कभी दो-दो बार भी धोया जा सकता है।
  3. सर का मसह एक ही बार किया जाएगा।
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