عَنِ ‌ابْنِ عَبَّاسٍ رَضِيَ اللهُ عَنْهُمَا قَالَ:
كَانَ النَّبِيُّ صَلَّى اللهُ عَليهِ وَسَلَّمَ لا يَعْرِفُ فَصْلَ السُّورةِ حَتَّى تَنْزِلَ عَليْهِ {بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ}.

[صحيح] - [رواه أبو داود]
المزيــد ...

अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ियल्लाहु अनहुमा का वर्णन है, उन्होंने कहा :
"अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम एक सूरा ख़त्म होकर दूसरा सूरा शुरू होने की बात जान नहीं पाते, जब तक आपपर "बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम" न उतरती।"

सह़ीह़ - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ियल्लाहु अनहुमा बता रहे हैं कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर क़ुरआन की सूरतें उतरतीं, तो आप एक सूरा के ख़त्म होने तथा दूसरी सूरा के शुरू होने की बात उस समय तक जान नहीं पाते, जब तक आपपर "बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम" न उतरती। जब बिस्मिल्लाह उतरती, तो पता होता कि पहली सूरा ख़त्म हो गई है और एक नई सूरा शुरू हो गई है।

अनुवाद: अंग्रेज़ी फ्रेंच स्पेनिश तुर्की उर्दू इंडोनेशियाई बोस्नियाई बंगला चीनी फ़ारसी वियतनामी सिंहली उइग़ुर कुर्दिश होसा मलयालम तिलगू सवाहिली तमिल बर्मी थाई पशतो असमिया अल्बानियाई السويدية الأمهرية الهولندية الغوجاراتية الدرية
अनुवादों को प्रदर्शित करें

हदीस का संदेश

  1. बिस्मिल्लाह के द्वारा सूरतों को एक-दूसरे से अलग किया जाता है। सिवाय सूरा अल-अनफ़ाल और सूरा अल-तौबा के।
अधिक