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عَنْ أَنَسِ بْنِ مَالِكٍ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُ قَالَ:
قَدِمَ أُنَاسٌ مِنْ عُكْلٍ أَوْ عُرَيْنَةَ، فَاجْتَوَوْا المَدِينَةَ فَأَمَرَهُمُ النَّبِيُّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ بِلِقَاحٍ، وَأَنْ يَشْرَبُوا مِنْ أَبْوَالِهَا وَأَلْبَانِهَا، فَانْطَلَقُوا، فَلَمَّا صَحُّوا قَتَلُوا رَاعِيَ النَّبِيِّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ، وَاسْتَاقُوا النَّعَمَ، فَجَاءَ الخَبَرُ فِي أَوَّلِ النَّهَارِ، فَبَعَثَ فِي آثَارِهِمْ، فَلَمَّا ارْتَفَعَ النَّهَارُ جِيءَ بِهِمْ، فَأَمَرَ فَقَطَعَ أَيْدِيَهُمْ وَأَرْجُلَهُمْ، وَسُمِرَتْ أَعْيُنُهُمْ، وَأُلْقُوا فِي الحَرَّةِ، يَسْتَسْقُونَ فَلاَ يُسْقَوْنَ، قَالَ أَبُو قِلاَبَةَ: فَهَؤُلاَءِ سَرَقُوا وَقَتَلُوا، وَكَفَرُوا بَعْدَ إِيمَانِهِمْ، وَحَارَبُوا اللَّهَ وَرَسُولَهُ.

[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 233]
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अनस बिन मालिक रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं :
उक्ल एवं उरैना क़बीलों के कुछ लोग (मदीना) आए और मदीने की आब व हवा रास न आने के कारण बीमार हो गए। अतः अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनको ऊँटों के रेवड़ के पास जाने और उनका पेशाब तथा दूध पीने का आदेश दिया। चुनांचे वे चल पड़े। लेकिन जब स्वस्थ हो गए, तो अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु की ओर से नियुक्त चरवाहे को मार दिया और ऊँटों को हाँकते हुए लेकर चल गए। इसकी सूचना सुबह-सुबह पहुँची और आपने उनका पीछा करने के लिए लोग भेज दिए। दिन चढ़ने के बाद उनको लाया गया, तो आपके आदेश से उनके हाथ एवं पाँव काट दिए गए, आँखों पर सलाई फेर दी गई और उनको हर्रा में डाल दिया गया। पानी माँगते रहे, लेकिन पानी दिया नहीं गया। अबू क़िलाबा कहते हैं : इन लोगों ने चारी की थी, क़त्ल किया था, ईमान लाने के बाद काफ़िर हो गए थे और अल्लाह एवं उसके रसूल से युद्ध किया था।

[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 233]

व्याख्या

उक्ल एवं उरैना क़बीलों के कुछ मुसलमान होकर लोग अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास पहुँचे। मदीने की आब व हवा और खाना-पानी उनको रास नहीं आया, इसलिए बीमार हो गए और उनका पेट बड़ा हो गया। अतः अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनको ज़कात के ऊँटों के पास जाकर रहने और उनका पेशाब एवं दूध पीने का आदेश दिया। वे चले भी गए। लेकिन जब स्वस्थ और खूब मोटे-ताज़े हो गए, तो अल्लाह के रसूल की ओर से नियुक्त चरवाहे को मार दिया और ऊँटों को हाँककर चल दिए। इसकी सूचना आपके पास सुबह-सुबह पहुँची, तो उनको ढूँढने के लिए लोग भेज दिए। वे ढूँढ भी लिए गए। दिन चढ़ने के बाद उनको क़ैद करके आपके सामने लाया गया, तो आपने उनके हाथ-पाँव काट डालने और आँखें फोड़ देने का आदेश दिया। क्योंकि चरवाहे के साथ उन्होंने यही किया था। फिर उन्हें हर्रा में फेंक दिया गया। पानी माँगते रहे, लेकिन पानी नहीं दिया गया, यहाँ तक कि मर गए। अबू क़िलाबा कहते हैं : इन लोगों ने चारी की थी, क़त्ल किया था, ईमान के बाद कुफ़्र की राह अपनाई थी और अल्लाह एवं उसके रसूल से युद्ध किया था।

हदीस का संदेश

  1. जिन जानवरों का मांस खाया जाता है, उनका पेशाब पाक है।
  2. ऊँट के दूध एवं पेशाब द्वारा इलाज शरीयत सम्मत है।
अनुवाद: अंग्रेज़ी इंडोनेशियाई बंगला सिंहली वियतनामी तगालोग कुर्दिश होसा पुर्तगाली तिलगू सवाहिली थाई असमिया الأمهرية الهولندية الغوجاراتية الدرية الرومانية المجرية الجورجية المقدونية الخميرية الماراثية
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