عن صَخْر بن وَدَاعَة الغامدي رضي الله عنه عن النبي صلى الله عليه وسلم قال: «اللهم بارك لأمتي في بُكُورها» وكان إذا بعَث سَرِيَّةً أو جيشًا بعَثَهم من أوَّل النهار، وكان صَخْر تاجرًا، وكان يبعث تِجارته أوَّل النهار، فأَثْرَى وكثُر مالُه.
[صحيح] - [رواه أبو داود والترمذي وابن ماجه والدارمي وأحمد]
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सख़्र बिन वदाआ ग़ामिदी (रज़ियल्लाहु अंहु) अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से रिवायत करते हैं कि आपने फ़रमायाः ऐ अल्लाह! मेरी उम्मत के लिए उसके सुब्ह के समय में बरकत प्रदान कर। तथा आप जब कोई छोटा या बड़ा सैन्य-दल भेजते तो दिन के प्रथम भाग में भेजते। ख़ुद सख़्र (रज़ियल्लाहु अंहु) एक व्यवसायी थे और व्यपार का धन दिन के प्रथम भाग में भेजते थे। इसका लाभ यह हुआ कि वह मालदार हो गए और उनके पास बहुत-सा धन आ गया।
सह़ीह़ - इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है ।

व्याख्या

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