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عن جابر رضي الله عنه أن رسول الله صلى الله عليه وسلم سئل عن النُّشْرَةِ؟ فقال: هي من عمل الشيطان.
[صحيح] - [رواه أبو داود وأحمد]
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जाबिर (रज़ियल्लाहु अंहु) से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से जादू द्वारा जादू के उपचार के बारे में पूछा गया, तो फ़रमायाः "यह शैतानी कार्य है।"
[सह़ीह़] - [इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

व्याख्या

अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से जादू किए हुए व्यक्ति का उपचार जाहिलियत के ज़माने में प्रचलित विशेष पद्धति, जैसे जादू द्वारा जादू का इलाज, से करने के बारे में पूछा गया, तो आपने उत्तर दिया : यह शैतानी कार्य है या शैतान द्वारा संपन्न होने वाला कार्य है, क्योंकि इस उपचार के लिए विभिन्न जादूई पद्धतियाँ अपनाई जाती हैं तथा शैतानी सेवाएँ प्राप्त की जाती हैं। अतः यह शिर्क एवं हराम है। जहाँ तक जायज़ तरीके से जादू के उपचार की बात है, तो ऐसा दम करके, जादू की हुई वस्तुओं को ढूँढ निकालने के बाद क़ुरआन पढ़ते हुए हाथ से खोलकर अथवा जायज़ दवाओं के द्वारा हो सकता है।

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हदीस का संदेश

  1. यदि वर्जित कर्म में फँस जाने का डर हो, तो हर उस काम के बारे में जिसका जायज़ या नाजायज़ होना समझ में न आए, उलेमा से पूछ लेना धर्म सम्मत है।
  2. जाहिलियत में जिस पद्धति से जादू का उपचार किया जाता था, उससे उपचार करने की मनाही आई है, क्योंकि वह जादू पर आधारित था और जादू करना या कराना कुफ्र है।
  3. जितने भी शैतानी कर्म हैं, सब हराम हैं।
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