عن أبي بكر الصديق رضي الله عنه قال: ارْقَبُوا محمَّدًا -صلَّى اللهُ عليهِ وسلَّم- فِي أَهلِ بَيتِهِ.
[صحيح موقوفًا على أبي بكر الصديق -رضي الله عنه] - [رواه البخاري من قول أبي بكر -رضي الله عنه]
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अबू बकर सिद्दीक (रज़ियल्लाहु अंहु) का फ़रमान हैः मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का, आपके घर वालों के बारे में ख़याल रखो तथा सम्मान करो।
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अबू बक्र -रज़ियल्लाहु अनहु- का यह कथन इस बात का प्रमाण है कि सहाबा -रज़ियल्लाहु अनहुम- अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के परिवार के अधिकार से अवगत थे और उनका सम्मान करते थे। अतः आपके परिवार का जो भी व्यक्ति इस्लाम के सीधे मार्ग पर चल रहा होगा और आपकी सुन्नत का अनुसरण करेगा, उसके दो अधिकार हैं : इस्लाम का अधिकार और अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के संबंधी होने का अधिकार। इस हदीस से यह बात भी मालूम हुई कि अबू बक्र तथा अन्य सभी सहाबा -रज़ियल्लाहु अनहुम- अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के परिवार के लोगों से प्रेम रखते थे और उनके साथ अच्छा व्यहार करने की बात कहते थे।

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