عن عبد الله بن عباسٍ رضي الله عنهما قال: بلغَ عمرَ رضي الله عنه أن فلانًا باعَ خمرًا. فقال: قاتلَ الله فلانًا! ألم يعلم أن رسولَ الله صلى الله عليه وسلم قال: "قاتلَ الله اليهودَ، حُرِّمت عليهم الشُّحومُ، فجَمَلُوها، فباعُوها".
[صحيح] - [متفق عليه]
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अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ियल्लाहु अनहुमा) कहते हैं कि उमर (रज़ियल्लाहु अनहु) को मालूम हुआ कि एक व्यक्ति ने शराब बेची है, तो फ़रमायाः अल्लाह उसका विनाश करे, क्या वह नहीं जानता कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया हैः अल्लाह यहूदियों का विनाश करे, उनपर चरबी हराम की गई, तो उन्होंने उसे पिघला कर बेचा।
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
उमर बिन खत्ताब -रज़ियल्लाहु अनहु- को मालूम हुआ कि एक व्यक्ति ने मदिरा से लाभ उठाने के लिए हीला-बहाना से काम लिया है और उसे पीने के बजाय बेच लिया है। यह एक स्पष्ट छल एवं हराम कार्य था। इसलिए उमर -रज़ियल्लाहु अनहु- ने उसपर बद दुआ की, जिस प्रकार नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने छल करने वाले यहूदियों पर बद दुआ की थी। उन्होंने कहा : अल्लाह उसका विनाश करे, क्या उसे नहीं मालूम कि इस प्रकार का बहाना हराम है? इसलिए कि यह एक प्रकार से अल्लाह एवं उसके रसूल को धोखा देना है और नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया है : अल्लाह यहूदियों को हलाक करे। जब अल्लाह ने उनपर चरबी को हराम कर दिया, तो हीले-बहाने से उससे लाभ उठाने लगे। चरबी को पिघलाकर बेचने लगे और उसके मूल्य को खाने लगे और आँख में धूल झोंकने के इरादे से कहने लगे : हमने वर्जित चरबी नहीं खाई है। सच्चाई यह है कि वे अल्लाह को धोखा दे रहे थे और अल्लाह उन्हें धोखा दे रहा था।