عن أبي هريرة رضي الله عنه مرفوعاً: «إذا وقع الذباب في شراب أحدكم فليغمسه، ثم لينزعه؛ فإن في أحد جناحيه داء، وفي الآخر شفاء». وفي رواية: «وإنه يتقي بجناحه الذي فيه الداء».
[صحيح، وزيادة أبي داود صحيحة] - [رواه البخاري، والرواية الأخرى لأبي داود وأحمد]
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अबू हुरैरा -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- से मरफ़ूअन रिवायत है : “जब तुममें से किसी के पेय पदार्थ में मक्खी गिर जाए, तो वह उसे उसमें डुबोकर निकाल ले, क्योंकि उसके एक पर में रोग है और दूसरे में शिफ़ा।”
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]
इस हदीस में अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने बताया है कि यदि किसी पीने की चीज़ में मक्खी गिर जाए, तो वह उसे प्रभावित नहीं करती। इस समय इन्सान को चाहिए कि उसे पूर्ण रूप से डुबा दे। क्योंकि उसके एक पंख में, जिसे वह पानी में डुबाती है, बीमारी होती है और दूसरे में उस बीमारी से शिफ़ा होती है। आज आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने भी सदियों पहले इस्लाम द्वारा प्रदान की गई इस सूचना की सत्यता को स्पष्ट कर दिया है। हम अल्लाह का शुक्र अदा करते और उसकी प्रशंसा करते हैं कि उसने हमें इतना विशाल धर्म प्रदान किया।