عن أنس رضي الله عنه قال: «آخِرُ نَظْرة نَظَرْتُها إلى رسول الله صلى الله عليه وسلم كَشَف السِّتارة والناسُ صُفوف خَلْف أبي بكر رضي الله عنه ، فأراد أبو بكر أنْ يَرْتَدَّ، فأشار إليهم أَنِ امكثُوا وأَلْقى السِّجْفَ، وتُوفِّي مِن آخِرِ ذلك اليوم، وذلك يومَ الإثنين».
[صحيح] - [رواه النسائي, وأصله في مسلم]
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अनस- रज़ियल्लाहु अन्हु- से वर्णित है वह कहते हैं कि सबसे अंतिम दृष्टि जो मैंने अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- की ओर डाली थी वह यह थी कि आप ने पर्दा हटाया जब्कि लोग अबू बकर- रज़ियल्लाहु अन्हु- के पीछे पंक्तियों में खड़े थे, तो अबू बकर ने चाहा कि पीछे हट जाएं, आप ने उन की ओर इशारा किया कि अपने स्थान पर टिके रहो तत्पश्चात आप ने पर्दा गिरा दिया, आप की मृत्यु उसी दिन दिन के अंतिम भाग में हुई जो कि सोमवार का दिन था।
[सह़ीह़] - [इसे नसाई ने रिवायत किया है। - इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
अनस बिन मालिक -रज़ियल्लाहु अनहु- ने अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को अंतिम बार उस समय देखा था, जब आपने अपने कमरे तथा मस्जिद के बीच में पड़े पर्दे को उठाया था। उस समय आपने देखा कि लोग अबू बक्र -रज़ियल्लाहु अनहु- के पीछे पंक्तिबद्ध होकर नमाज़ अदा कर रहे हैं। अबू -रज़ियल्लाहु अनहु- ने आप -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के आने की आहट महसूस की और सोचा कि शायद आप नमाज़ के लिए निकलना चाहते हैं। अतः उन्होने पीछे हटकर सफ़ में खड़ा होना चाहा, ताकि आप उनके स्थान पर आकर खुद लोगों को नमाज़ पढ़ा सकें। लेकिन आपने लोगों की ओर इशारा किया कि सब लोग अपनी-अपनी जगहों पर रहें और नमाज़ पूरी करें। फिर पर्दे को गिरा दिया। उसी दिन शाम के समय आप मृत्यु को प्राप्त हो गए। वह सोमवार का दिन था।