عن أبي هريرة رضي الله عنه مرفوعاً: «السفر قطعة من العذاب، يمنع أحدكم طعامه وشرابه ونومه، فإذا قضى أحدكم نَهْمَتَهُ من سفره، فليُعَجِّلْ إلى أهله».
[صحيح] - [متفق عليه]
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अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अंहु) नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से रिवायत करते हुए कहते हैंः "सफ़र अज़ाब का एक हिस्सा है, जो तुम्हें खाने, पीने और सोने से रोकता है। इसलिए जब तुममें से किसी की सफ़र की ज़रूरत पूरी हो जाए, तो जल्दी घर वापस आ जाए।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]