عن ابن عمر، أن عمر بن الخطاب -رضي الله عنه وعن ابنه-، كتب إلى أُمراء الأجْنادِ في رِجالٍ غابُوا عن نسائهم فأمرَهم أن يأخذوهم بأنْ يُنفقوا أو يُطلقوا، فإنْ طَلقوا بَعثوا بنفقة ما حَبَسُوا.
[صحيح] - [رواه الشافعي والبيهقي]
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अब्दुल्लाह बिन उमर -रज़ियल्लाहु अन्हुमा- से वर्णित है कि उमर बिन ख़त्ताब -रज़ियल्लाहु अन्हु- ने सेनाओं के सेनापतियों के नाम उन लोगों के विषय में पत्र लिखकर आदेश जारी किया, जो अपनी पत्नियों से दूर रहते थे कि वे उन्हें उपस्थित करके कहें कि या तो (अपनी पत्नियों को) खर्च दें या उनको तलाक़ दे दें। फिर, यदि तलाक़ देते हैं तो जितने दिनों तक उन्हें अपने विवाह में रखा है, उतने दिनों का खर्च भेज दें।
सह़ीह़ - इसे बैहक़ी ने रिवायत किया है।

व्याख्या

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