عن أبي هريرة رضي الله عنه عن النبي صلى الله عليه وسلم قال: «ليس الغِنَى عن كَثرَة العَرَض، ولكن الغِنَى غنى النفس».
[صحيح] - [متفق عليه]
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अबू हुरैरा- रज़ियल्लाहु अन्हु- से रिवायत है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया: मालदारी धन-दौलत की प्रचुरता का नाम नहीं है, बल्कि वास्तविक मालदारी, दिल की मालदारी है।
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]