عن سلمان الفارسي رضي الله عنه مرفوعاً: «رباط يوم وليلة خير من صيام شهر وقيامه، وإن مات جرى عليه عمله الذي كان يعمل، وأُجْرِيَ عليه رزقه، وأَمِنَ الفَتَّانَ».
[صحيح] - [رواه مسلم]
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सलमान फ़ारसी- रज़ियल्लाहु अन्हु- से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "- अल्लाह के रास्ते में- एक दिन एवं एक रात की पहरेदारी महीना भर के रोज़ा और तहज्जुद से उत्तम है। अगर वह मर गया, तो उसका वह अमल जारी रहेगा, जो वह क्या करता था तथा उसकी रोज़ी जारी कर दी जाएगी एवं वह क़ब्र की परीक्षा से सुरक्षित रहेगा।"
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]