عن أبي علي سويد بن مُقَرِّن رضي الله عنه قال: لقد رَأَيْتُنِي سابع سبعة من بني مُقَرِّن ما لنا خادم إلا واحدة لطمها أصغرنا فأمرنا رسول الله صلى الله عليه وسلم أن نعتقها وفي رواية: «سابع إخوة لي».
[صحيح] - [رواه مسلم]
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अबू अली सुवैद बिन मुक़र्रिन (रज़ियल्लाहु अनहु) फ़रमाते हैं कि मैं बनी मुक़र्रिन का सातवाँ व्यक्ति था। हमारी एक दासी थी, जिसे सबसे छोटे भाई ने एक थप्पड़ मार दिया था, तो अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने हमें उसे मुक्त करने का आदेश दिया। एक रिवायत में है: भाईयों में सातवाँ था।
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]