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عن عمرو بن شعيب، عن أبيه، عن جده قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : «لا نَذْرَ لابن آدم فيما لا يملك، ولا عِتْقَ له فيما لا يملك، ولا طلاق له فيما لا يمْلِك».
[صحيح] - [رواه أبو داود والترمذي وابن ماجه وأحمد]
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अम्र बिन शोऐब अपने पिता और वह अपने दादा से रिवायत करते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "आदम की संतान को ऐसी वस्तु की मन्नत मानने का अधिकार नहीं, जिसका वह मालिक न हो, ऐसे दास को मुक्त करने का अधिकार नहीं जिसका वह स्वामी न हो और ऐसी स्त्री को तलाक़ देने का अधिकार नहीं जो उसके निकाह में न हो।"
[सह़ीह़] - [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

व्याख्या

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