عن عائشة رضي الله عنها قالت: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم يومًا: «يا عائش، هذا جبريل يُقرِئك السلام» فقلت: وعليه السلام ورحمة الله وبركاته، تَرى ما لا أَرى. تريد رسول الله صلى الله عليه وسلم .
[صحيح] - [متفق عليه]
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आइशा -रज़ियल्लाहु अन्हा- से रिवायत है कि एक दिन नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने उनसे फरमाया: "ऐ आइश! यह जिबरील हैं, जो तुम्हें सलाम कहते हैं।" तो मैंने यूँ जवाब दियाः "व अलैहिस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु। आप वह देखते हैं, जो मैं नहीं देखती।" उन्होंने यह -देखने की- बात अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के बारे में कही थी।
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]