عن عائشة رضي الله عنها ، أنها سُئلتْ ما كان رسول الله صلى الله عليه وسلم يَعْمل في بيته؟ قالت: «كان بشرًا مِن البشر يَفْلي ثوبَه، ويَحْلِب شاتَه، ويَخْدِم نفْسَه».
[صحيح] - [رواه أحمد]
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आयशा- रज़ियल्लाहु अन्हा- से वर्णित है कि उन से प्रश्न किया गया कि अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- अपने घर में क्या करते थे? उन्होंने उत्तर दिया कि आप भी मनुष्यों के समान एक मनुष्य थे, कपड़ों से जूंए निकालते, बकरी दूहते तथा अपने काम स्वयं करते।
[सह़ीह़] - [इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]
अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- की पत्नी आइशा -रज़ियल्लाहु अनहा- से पूछा गया कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- घर में क्या करते थे? उन्होंने उत्तर दिया कि आप भी अन्य इन्सानों की तरह एक इन्सान थे। कपड़े से जूएँ और अन्य कष्टदायक चीज़ों को निकालते, बकरी दूहते और अपने काम खुद कर लेते। दरअसल आइशा -रज़ियल्लाहु अनहा- ने इन कामों का ज़िक्र उदाहरण के तौर पर किया है।