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عن عبد الله بن عمرو بن العاص عن رسول الله صلى الله عليه وسلم أنه سئل عن الثمر المعلق؟ فقال: «من أصاب بِفِيْهِ من ذِي حَاجَةٍ غير مُتَّخِذٍ خُبْنَةً فلا شيء عليه، ومن خرج بشيء منه فعليه غَرَامَةُ مِثْلَيْهِ والعقوبة، ومن سرق منه شيئا بعد أن يُؤْوِيَهُ الجَرِينُ فَبَلَغَ ثَمَن المِجَنِّ فَعَليْهِ القَطْعُ».
[إسناده حسن] - [رواه أبو داود والنسائي والترمذي وابن ماجه]
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अब्दुल्लाह बिन अम्र बिन आस (रज़ियल्लाहु अंहु) का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से पेड़ पर लगे हुए फल के बारे में पूछा गया, तो आपने फ़रमायाः "जो कुछ किसी ज़रूरतमंद ने खा लिया और कपड़े में नहीं रखा (तथा बाँधकर ले नहीं गया) उसपर जुर्माना नहीं है और जो व्यक्ति कुछ लेकर बाहर निकला, उसे जुर्माने के तौर पर उसका दोगुना देना है और दंड भी मिलना है। और जिसने उसे खलियान में पहुँचने के बाद चुराया और उसका मूल्य एक ढाल के बराबर हो, उसका हाथ काटा जाएगा।"
[इसकी सनद ह़सन है।] - [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे नसाई ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है।]

व्याख्या

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