عن فاطمة بنت قيس، قالت: قلت: يا رسول الله، زوجي طَلَّقَنِي ثلاثا، وأخاف أن يُقْتَحَمَ عَلَيَّ، قال: «فأمَرَها، فَتَحَوَّلَتْ».
[صحيح] - [رواه مسلم]
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फ़ातिमा बिंत क़ैस (रज़ियल्लाहु अंहा) से वर्णित है, वह कहती हैं कि मैंने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल, मेरे पति ने मुझे तीन तलाक़ दे दिए हैं और मुझे भय है कि कोई मेरे यहाँ ज़बरदस्ती घुस न आए। तो आपके आदेश से उन्होंने जगह बदल लिया।
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]