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عن أبي هريرة رضي الله عنه عن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: «لا تقومُ الساعةُ حتى تُقاتلوا التُّرْكَ: صِغارَ الأَعين، حُمْرَ الوجوه، ذُلْفَ الأنوف، كأنَّ وجوهَهم المِجانُّ المُطْرَقة، ولا تقومُ الساعةُ حتى تقاتلوا قومًا نِعالُهم الشَّعر».
[صحيح] - [متفق عليه]
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अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- से रिवायत है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फरमायाः "क़यामत उस समय तक नहीं आ सकती, जब तक तुम तुर्कों से युद्ध न कर लो, जिनकी आँखें छोटी-छोटी, चेहरे लाल और नाक छोटी तथा चिपटी होगी, तथा उनके चेहरे ऐसे मालूम होंगे जैसे चमड़े चढ़ी हुई ढालें हों। तथा क़यामत उस समय तक नहीं आएगी, जब तक तुम एक ऐसे समुदाय से युद्ध न कर लो, जिनके जूते बालों के होंगे।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

व्याख्या

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