عن ابن عمر رضي الله عنهما ، قال: «جمع رسول الله صلى الله عليه وسلم بين المغرب والعشاء بجمع: صلى المغرب ثلاثاً، والعشاء ركعتين، بإقامة واحدة».
[صحيح] - [رواه مسلم]
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अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ियल्लाहु अनहुमा) से रिवायत है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने मग़रिब तथा इशा की नमाज़ को जमा करते हुए मग़रिब की तीन रकात और इशा की दो रकात एक ही अज़ान से पढ़ी।
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]