عن رافع بن خَديج الأنصاري الأوسي رضي الله عنه قال: كنا نصلي المغرب مع النبي صلى الله عليه وسلم ، فينصرف أحدنا وإنه لَيُبْصِرُ مَوَاقِعَ نَبْلِهِ.
[صحيح] - [متفق عليه]
المزيــد ...
राफे बिन ख़दीज (रज़ियल्लाहु अनहु) से रिवायत है, वह कहते हैं कि हम अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ मग़रिब की नमाज़ पढ़ते थे और जब हममें से कोई वापस जाता (और तीर चलाता) तो वह तीर के गिरने की जगहों को देख लेता था।
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]