عن عبد الله بن مسعود رضي الله عنه مرفوعاً: انشقَّ القمر على عهد رسول الله صلى الله عليه وسلم فِلْقَتين، فستر الجبل فِلْقَة، وكانت فِلْقَة فوق الجبل، فقال رسول الله صلى الله عليه وسلم : «اللهمَّ اشهَدْ».
[صحيح] - [متفق عليه]
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अब्दुल्लाह बिन मसऊद (रज़ियल्लाहु अन्हु) से मरफ़ूअन रिवायत है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के ज़माने में चाँद के दो टुकड़े हुए, तो पहाड़ ने एक टुकड़े को परदे में कर दिया और दूसरा टुकड़ा पहा़ड़ के ऊपर था। इसपर अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया : "c2">“ऐ अल्लाह! तू गवाह रह!”
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

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