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عن عبد الله بن سَرْجِس رضي الله عنه قال: كان رسول الله صلى الله عليه وسلم إذا سافر يَتَعَوَّذ مِن وَعْثاء السَّفَر، وكآبة الـمُنْقَلَب، والحَوْر بعد الكَوْن، ودعوة المظلوم، وسُوء الـمَنْظَر في الأهل والمال.
[صحيح] - [رواه مسلم]
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अब्दुल्लाह बिन सरजिस (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जब किसी यात्रा पर निकलते तो यात्रा की कठिनाई, अप्रिय वापसी, बनाव के बाद बिगाड़, मज़लूम की बददुआ और परिवार तथा धन-माल में बुरी दृष्टि से अल्लाह की शरण माँगते थे।
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

व्याख्या

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