عن المسور بن مخرمة رضي الله عنهما مرفوعًا: «فاطمة بَضْعة مني، فمَن أغضبها أغضبني».
[صحيح] - [متفق عليه]
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मिसवर बिन मख़रमा -रज़ियल्लाहु अन्हुमा- नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से रिवायत करते हैं कि आपने फ़रमायाः "फ़ातिमा मेरा अंग है, जिसने उसे नाराज़ किया, उसने मुझे नाराज़ किया।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]