عن أبي هريرة رضي الله عنه عن النبي صلى الله عليه وسلم قال: «إنَّما سُمِّيَ الخَضِرُ أنَّه جلس على فَرْوَة بيضاء، فإذا هي تهتزُّ مِنْ خَلْفِه خَضْراء».
[صحيح] - [رواه البخاري]
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अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अंहु- का वर्णन है, वह कहते हैं कि नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "ख़ज़िर को ख़ज़िर का नाम इसलिए दिया गया कि (एक बार) वह एक सूखे खेत में बैठे, तो देखते ही देखते उनके पीछे हरियाली लहलहाने लगी।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।]