+ -

عن سَمُرَةَ بْنِ جُنْدُبٍ رضي الله عنه قال: «صَلَّيْت وراء النبي صلى الله عليه وسلم على امرأة ماتت في نِفَاسِهَا فقام في وَسْطِهَا».
[صحيح] - [متفق عليه]
المزيــد ...

समुरा बिन जुंदुब (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैं कि मैंने नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पीछे एक ऐसी स्त्री की नमाज़-ए-जनाज़ा पढ़ी, जो निफ़ास (वह प्राकृतिक रक्त, जो प्रसव के बाद निकलता है) की अवधि में मर गई थी, तो आप उसके बीच में खड़े हुए।
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

व्याख्या

मृतक पर नमाज़ प्रत्येक मरने वाले मुसलमान का अधिकार है। चाहे वह नर हो या नारी और छोटा हो या बड़ा। यहाँ समुरा बिन जुनदुब -रज़ियल्लाहु अनहु- कहते हैं कि उन्होंने अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के पीछे एक स्त्री की नमाज़-ए-जनाज़ा पढ़ी, जो निफ़ास (वह प्राकृतिक रक्त, जो प्रसव के बाद निकलता है) की अवधि में मर गई थी। अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- नमाज़ पढ़ाने के लिए उसके शरीर के बीच के सामने खड़े हुए।

अनुवाद: अंग्रेज़ी उर्दू स्पेनिश इंडोनेशियाई उइग़ुर बंगला फ्रेंच तुर्की रूसी बोस्नियाई चीनी फ़ारसी तगालोग कुर्दिश होसा पुर्तगाली
अनुवादों को प्रदर्शित करें
अधिक