عن أبي عبد الرحمن عبد الله بن مسعود رضي الله عنه قال: كَأَنِّي أَنْظُر إلى رسول الله صلى الله عليه وسلم يَحْكِي نَبِيًّا من الأنبياء، صلوات الله وسلامه عليهم، ضربه قومه فَأَدْمَوْهُ، وهو يمَسحُ الدَم عن وجهِهِ، يقول: «اللهم اغفر لِقَوْمِي؛ فإنهم لا يعلمون».
[صحيح] - [متفق عليه]
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अबू अब्दुर्रहमान अब्दुल्लाह बिन मसऊद- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि ऐसा महसूस होता है कि मैं अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को देख रहा हूँ कि आप एक नबी की घटना सुना रहे हैं, जिसे उसके समुदाय के लोगों ने मार- मार कर लहूलुहान कर दिया था और वह अपने चेहरे से रक्त पोंछ रहा था तथा कह रहा थाः "ऐ अल्लाह, मेरे समुदाय के लोगों को क्षमा कर दे, क्योंकि वे जानते नहीं हैं।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]