عن أبي هريرة، قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: «إنَّ الشمسَ لم تُحْبَس على بشر إلا ليُوشَع ليالي سار إلى بيت المَقْدِس».
[صحيح] - [رواه أحمد، وأصله في الصحيحين]
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अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "सूरज को किसी इनसान के लिए रोका नहीं गया है, सिवाए यूशा -अलैहिस्सलाम- के, जिनके साथ बैतुल मक़दिस की ओर चलने के रातों में ऐसा हुआ था।"
सह़ीह़ - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।

व्याख्या

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