वर्गीकरण:
عَنِ ابْنِ عَبَّاسٍ رضي الله عنهما قَالَ:

كَانَ رَسُولُ اللهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ يَبِيتُ اللَّيَالِي الْمُتَتَابِعَةَ طَاوِيًا وَأَهْلُهُ لاَ يَجِدُونَ عَشَاءً وَكَانَ أَكْثَرُ خُبْزِهِمْ خُبْزَ الشَّعِيرِ.
[صحيح] - [رواه الترمذي وابن ماجه وأحمد]
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अब्दुल्लाह बिन अब्बास -रज़ियल्लाहु अन्हुमा- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- लगातार कई-कई रात भूखे पेट गुज़ार देते और आपके घर वालों को भी रात का खाना नसीब नहीं होता। उनकी रोटी अधिकतर जौ की रोटी हुआ करती थी।
सह़ीह़ - इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है ।

व्याख्या

अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- लगातार कई रातें बिना कुछ खाए सो जाया करते थे। ऐसा ही हाल आपकी स्त्रियों एवं बच्चों का भी हुआ करता था। क्योंकि उनके पास रात को खाने के लिए कुछ नहीं होता था। वैसे, उन दिनों उनके यहाँ रोटी अकसर जौ की बनती थी, जो गेहूँ आदि की तुलना में कम महंगा होता है।

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