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عن أبي هريرة رضي الله عنه قال: قال النبي صلى الله عليه وسلم:

«مَن أحبَّ الحسن والحُسين فقد أحبَّني، ومَن أبغضهما فقد أبغضني».
[صحيح] - [رواه ابن ماجه وأحمد] - [سنن ابن ماجه: 143]
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अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "जिसने हसन और हुसैन से मुहब्बत की, उसने मुझसे मुहब्बत की और जिसने उन दोनों से दुश्मनी की, उसने मुझसे दुश्मनी की।"

الملاحظة
والنسائي في الكبرى.
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[सह़ीह़] - [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

व्याख्या

जिसने अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के नवासों हसन एवं हुसैन से प्रेम रखा उसने अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से प्रेम रखा और जिसने उन दोनों से नफ़रत की उसने अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से नफ़रत की, अतः यह बात दोनों के मरतबे को दर्शाती है।

हदीस का संदेश

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