عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ رضي الله عنه أَنَّ رَسُولَ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ:

«الْجَرَسُ مَزَامِيرُ الشَّيْطَانِ».
[صحيح] - [رواه مسلم]
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अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अनहु) का वर्णन है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया: घंटी शैतान का भजन है।
सह़ीह़ - इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- बता रहे हैं कि जानवरों के गले में बाँधी जाने वाली घंटियाँ शैतानी उपकरण हैं, जिनमें लोगों में व्यस्त करके वह उन्हें उनकी रचना के उद्देश्य से भटकाए रखना चाहता है। रही बात सूचना प्रदान करने वाली घंटियों की, तो सऊदी अरब की स्थायी फ़तवा कमेटी ने उनके बारे में कहा है : "घरों एवं शिक्षण संस्थानों में इस्तेमाल में आने वाली घंटियां जायज़ हैं, जब तक उनके अंदर कोई अवैध वस्तु न पाई जाए। मसलन उनका ईसाइयों के नाक़ूस के जैसा होना या संगीत की तरह आवाज़ देना आदि। अगर यह बात पाई जाए, तो हराम होंगी।"

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