عَنْ أَنَسٍ رضي الله عنه قَالَ:

كَانَ النَّبِيُّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ يَغْسِلُ، أَوْ كَانَ يَغْتَسِلُ، بِالصَّاعِ إِلَى خَمْسَةِ أَمْدَادٍ، وَيَتَوَضَّأُ بِالْمُدِّ.
[صحيح] - [متفق عليه]
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अनस -रज़ियल्लाहु अन्हु- फ़रमाते हैं : "c2">“नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- एक साअ से पाँच मुद तक पानी से स्नान करते और एक मुद पानी से वज़ू करते थे।”
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अनस -रज़ियल्लाहु अनहु- कहते हैं : "नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- एक साअ् से पाँच मुद तक पानी से स्नान करते" यानी पवित्रता प्राप्त करते समय पानी के प्रयोग में संतुलित रहा करते थे। आम तौर पर एक साअ् पानी से स्नान कर लेते थे। एक साअ् चार मुद का होता है। कभी-कभी शरीर की आवश्यकता को देखते हुए पाँच मुद भी खर्च कर देते थे। अनस -रज़ियल्लाहु अनहु- आगे कहते हैं : "और एक मुद से वज़ू करते थे।" एक मुद एक रित्ल और एक तिहाई रित्ल का होता है।

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