بادئة الحديث...

عن أبي هريرة، قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: «لا صلاةَ لِمن لا وُضوءَ له، ولا وُضوءَ لِمن لم يَذْكر اسم الله تعالى عليه».
[ضعيف] - [رواه أبو داود وابن ماجه وأحمد]
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अबू हुरैरा -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : "c2">“जिसका वज़ू नहीं, उसकी नमाज़ नहीं और जिसने वज़ू करने से पहले अल्लाह का नाम नहीं लिया, उसका वज़ू नहीं।”

الملاحظة
حسنه بعض أهل العلم بسبب كثرة الطرق، وذلك من باب الحسن لغيره.
النص المقترح لا يوجد...

सह़ीह़ - इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है ।

व्याख्या

इस हदीस में अबू हुरैरा - रज़ियल्लाहु अनहु - अल्लाह के रसूल - सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम - के हवाले से बता रहे हैं कि आपने उस व्यक्ति की नमाज़ सही न होने की बात कही है, जिसने वुज़ू नहीं किया और इसी तरह उस व्यक्ति का वुज़ू सही न होने की बात कही है, जिसने वुज़ू से पहले बिस्मिल्लाह नहीं कहा। इस तरह यह हदीस इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि वुज़ू करते समय अल्लाह का नाम लेना ज़रूरी है। जिसने जान-बूझकर बिस्मिल्लाह छोड़ दिया, तो उसका वुज़ू नहीं होगा। लेकिन यदि कोई वुज़ू करते समय अल्लाह का नाम लेना भूल गया या शरई आदेश से अनजान होने के कारण अल्लाह का नाम नहीं लिया, तो उसका वुज़ू सही है।

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