«من أهان السلطان أهانه الله».
[ضعيف] - [رواه الترمذي]
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अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि मैंने नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को फ़रमाते हुए सुना है : "जो सुलतान का अपमान करता है, वह अल्लाह का अपमान करता है।"
इस हदीस से साबित होता है कि सुलतान के आदेशों का अनादर करना हराम है। क्योंकि ऐसा करने वाले को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा गया है कि उसे अल्लाह दुनिया एवं आख़िरत में अपमानित करेगा। क्योंकि इन्सान को प्रतिफल भी उसी प्रकार का दिया जाता है, जिस प्रकार का उसका कर्म होता है।