عَنِ أَبِي هُرَيْرَةَ رضي الله عنه قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:

«ثَلَاثَةٌ لَا يُكَلِّمُهُمُ اللهُ يَوْمَ الْقِيَامَةِ، وَلَا يَنْظُرُ إِلَيْهِمْ، وَلَا يُزَكِّيهِمْ، وَلَهُمْ عَذَابٌ أَلِيمٌ: شَيْخٌ زَانٍ، وَمَلِكٌ كَذَّابٌ، وَعَائِلٌ مُسْتَكْبِرٌ».
[صحيح] - [رواه مسلم]
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अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- वर्णित है कि नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : "तीन प्रकार के लोगों से अल्लाह क़यामत के दिन न बात करेगा, न उन्हें पवित्र करेगा और न उनकी ओर देखेगा तथा उनके लिए दुखदायी यातना है। बूढ़ा व्यभिचारी, झूठा बादशाह और घमंडी निर्धन।"
सह़ीह़ - इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

तीन प्रकार के लोग ऐसे हैं, जिनसे अल्लाह क़यामत के दिन बात नहीं करेगा, उनकी ओर नहीं देखेगा और उन्हें गुनाहों से पवित्र भी नहीं करेगा तथा उनके लिए कष्टदायक यातना है : पहला ऐसा बूढ़ा एवं वयोवृ्द्ध व्यक्ति जो व्यभिचार में लिप्त हो, दूसरा ऐसा शासक जो झुठ बोले और तीसरा ऐसा निर्धन जो अभिमान करे और दूसरे लोगों को हेय जाने।

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