عَنِ ابْنِ عَبَّاسٍ رضي الله عنهما قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:

«لَا يَنْظُرُ اللهُ إِلَى رَجُلٍ أَتَى رَجُلًا أَوِ امْرَأَةً فِي دُبُرٍ».
[صحيح] - [رواه الترمذي والنسائي في السنن الكبرى]
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अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ियल्लाहु अंहुमा) का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "अल्लाह उस व्यक्ति की ओर नहीं देखेगा, जो किसी पुरुष अथवा स्त्री की पिछली शर्मगाह (गुदाद्वार) में संभोग करे।"
सह़ीह़ - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है।

व्याख्या

यह हदीस किसी पुरुष के मलद्वार में संभोग करने और इसी तरह किसी स्त्री, चाहे पत्नी हो या कोई और, के मलद्वार में संभोग करने के हराम होने का प्रमाण है। इन दो प्रकार के लोगों की दंड यह है कि अल्लाह उनकी ओर स्नेह, दया एवं प्रेम की दृष्टि से नहीं देखेगा। क्योंकि उनके द्वारा किया जाने वाला कार्य कबीरा गुनाह की श्रेणी में आता है और इसमें बहुत-सी बुराइयां छिपी हुई हैं।

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