عَنْ طَلْقِ بْنِ عَلِيٍّ رضي الله عنه قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:

«إِذَا الرَّجُلُ دَعَا زَوْجَتَهُ لِحَاجَتِهِ فَلْتَأْتِهِ، وَإِنْ كَانَتْ عَلَى التَّنُّورِ».
[حسن] - [رواه الترمذي]
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अबू अली तल्क़ बिन अली (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया : "जब पति अपनी पत्नी को सहवास के लिए बुलाए, तो वह अवश्य आए, यद्यपि वह चूल्हे के पास ही क्यों न हो।"
सह़ीह़ - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है।

व्याख्या

जब कोई व्यक्ति अपनी स्त्री को सह्वास के लिए बुलाए, तो वह उसके पास ज़रूर जाए, यद्यपि वह किसी ऐसे काम में व्यस्त हो, जो उसके सिवा कोई और न कर सकता हो। मसलन रोटी पका रही हो या खाना बना रही हो।

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