«مِنْهُمْ مَنْ تَأْخُذُهُ النَّارُ إِلَى كَعْبَيْهِ، وَمِنْهُمْ مَنْ تَأْخُذُهُ النَّارُ إِلَى رُكْبَتَيْهِ، وَمِنْهُمْ مَنْ تَأْخُذُهُ النَّارُ إِلَى حُجْزَتِهِ، وَمِنْهُمْ مَنْ تَأْخُذُهُ النَّارُ إِلَى تَرْقُوَتِهِ».
[صحيح] - [رواه مسلم]
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समुरा बिन जुंदुब (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैही व सल्लम) ने फरमायाः "उनमें से कुछ ऐसे होंगे जिनके टख़नों तक आग पहूँचेगी, तो कुछ लोगों के घुटनों तक और कुछ के कमर तक। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होंगे, जिनकी हँसली तक अग पहुँच रही होगी।"
सह़ीह़ - इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।
यह हदीस क़यामत के दिन तथा जहन्नम की यातना से भय करना सिखाती है। इसमें बताया गया है कि क़यामत के दिन आग कुछ लोगों के टखनों तक पहुँचेगी, कुछ लोगों के घुटनों तक पहुँचेगी, कुछ लोगों की कमर तक पहुँचेगी और कुछ लोगों की गर्दन तक पहुँचेगी। दरअसल, लोग दुनिया में किए हुए अपने कर्म के अनुसार अलग-अलग श्रेणी की यातना का सामना कर रहे होंगे।