عَنِ ابْنِ عُمَرَ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُمَا أَنَّ رَسُولَ اللَّهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ:

«لاَ يَنْظُرُ اللَّهُ إِلَى مَنْ جَرَّ ثَوْبَهُ خُيَلاَءَ».
[صحيح] - [متفق عليه]
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अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ियल्लाहु अंहुमा) का वर्णन है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "अल्लाह उस व्यक्ति की ओर नहीं देखेगा, जो अभिमान के कारण अपना कपड़ा लटकाकर चलता हो।"
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

इस हदीस में उस व्यक्ति को कठोर चेतावनी दी गई है जो अभिमान के तौर पर धरती पर तहबंद लटकाकर चलता हो। बताया गया है कि अल्लाह ऐसे लोगों से मुँह फेर लेगा और उन्हें कृपा की दृष्टि से नहीं देखेगा। याद रहे कि इसमें अल्लाह के साधारण रूप से सभी सृष्टियों पर नज़र डालने का निषेध नहीं है। यह बात भी सब को पता है कि कपड़ा लटकाकर पहनना चाहे अभिमान के साथ हो या न हो, मना है। लेकिन यदि अभिमान के साथ हो, तो अवैधता और कठोर हो जाती है।

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